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 वेद 4 हैं - ऋगवेद - यह सबसे प्राचिन वेद है। ऋगवेद के संकलनकर्ता - महर्षि कृष्णदेवपायन । ऋगवेद मे 10 मंडल, 8 अष्टक और 1028 शुक्त हैं। ऋगवेद का तिसरा मडल का रचना महर्षि विश्वामित्र ने किया है। इसी मडल में गायत्री मंत्र है। सतवे मंडल की रचना महर्षि वशिष्ट ने की है। दुसरा मडल से लेकर सातवों मंडल सबसे प्राचिन है। बाद में 1, 8, 9, तथा 10वों मडल जोडे गए। ऋगवेद का प्रत्येक मंत्र अग्नि देवता की उपासना से शुरू होता है। किन्तु ऋगवेद का प्रमुख देवता इद्र है।

इमारतें, चित्र तथा किताबें

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  नमस्कार दोस्तो, आज हम बात करेंगे कक्षा 6 के इतिहास के अध्याय 10 इमारतें, चित्र तथा किताबें के बारे मे, तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते हैं। लौह स्तम्भ - दिल्ली महरौली में कुतुबमिनार के परिसर में लौह स्तम्भ स्थित है। इसकी उँचाई 7.2 मीटर और वजन 3 टन से भी ज्यादा है। इसका निर्माण लगभग 1500 साल पहले हुआ था। स्तूप - स्तूप का शाब्दिक अर्थ टिला होता है। स्तूप विभिन्न आकार के हो सकते है जैसे कभी गोल या लम्बे तो कभी बडे या छोटे । घातु मंजूषा - सभी स्तूपों के भीतर एक छोटा सा डिब्बा रखा रहता है, जिन्मे बुद्ध या उन्के अनुयायियों के अवशेष जैसे दाँत, हड्डी या राख या उन्के दद्वारा प्रयुक्त काई चिज या कोई किमती पत्थर या सिक्के रखे रहते हैं. इन्हें धातु मजूषा कहते हैं। प्रदक्षिणा पथ - स्तूपों के चारों ओर परिक्रमा करने के लिए एक वृताकार पथ बना होता था, जिसे प्रदक्षिणा पथ कहते है। इस रास्त को रेलिग से घेर दिया जाता था जिसे वेदिका कहते है। पुराण :- पुराण का शाब्दिक अर्थ प्राचिन है। महाभारत - महाभारत कौरवों और पाड़यों के बीच युद्ध की कहानी है। इस युद्ध का तळेश्य पुरु-यश की राजधानी हस्तिनापुर की ग...

क्या, कब, कहाँ और कैसे?

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नमस्कार दोस्तों, आज हम बात करेगें कक्षा 6 के इतिहास के अध्याय क्या, कब, कहाँ और कैसे?  के बारे मे। तो चलिए जानते हैं कि इस अध्याय से हमे क्या क्या सिखने को मिलता है। आखेट - आखेट का मतलब शिकार करना होता है। पाण्डुलिपी - पेड के छालों या पतों पर लिखे गए लेख को पाण्डुलिपी कहते हैं। अभिलेख -  पत्थरों या धातुओं पर लिखे गए लेख को अभिलेख कहते हैं । पुरातात्विद - अतित मे बनी या प्रयोग में लायी गई वस्तुओं का अध्ययन करने वाले व्यक्ति को पुरातात्विद कहते हैं। सहायक नदियाँ - वो नदियाँ जो एक बडी नदी मे मिल जाती है उन्हें सहायक नदियाँ कहते हैं। आरंभिक नगर - सिंधु घाटी के आरंभिक नगरों का निमार्ण लगभग 4700 वर्ष पहले हुआ था। पहला पालतु जानवर - सबसे पहले कुते के जंगली पूर्वज को पालतू जानवर बनाया गया । आपको हमारा यह पोस्ट कैसा लगा कमेंट में जरूर बतायें। आपके कमेंट हमें कुछ नया लिखने और सिखने में मदद करते हैं। धन्यवाद ।